भव से पार उतरना है तो मन को भगवान के चरणों में लगाएं- स्वामी शांतिस्वरूपानंद गिरि जी महाराज
- भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया
देवास। श्री गुरू टेकचंद जी दामोदर वंशीय दर्जी धर्मशाला मोती बंगला में मुख्य यजमान मीना महेश चौहान द्वारा आयोजित श्रीमद भागवत कथा के चतुर्थ दिवस भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव बड़े ही धूमधाम से हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। ढोल बाजे व आतिशबाजी के साथ पांडाल में लाया गया। पूरा पांडाल नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की... से गूंज उठा। इस दौरान कृष्ण कहने से तर जायेगा, पार भव से उतर जाएगा सुमधुर भक्तिमय गीत की प्रस्तुति से श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। श्री स्वामी शांतिस्वरूपानंद गिरि जी महाराज ने कहा कि मन को भगवान के श्री चरणों मे लगाएं। भगवान की भक्ति ही इस भव से पार उतरने का सरल मार्ग है। इस चंचल मन पर भक्ति रूपी अंकुश लगाएं। जिसका नाम लेने से भगवान का नाम का स्मरण हो वही नाम रखना चाहिए नाम भी भगवान के नाम से मिलता मिलता जुलता होना चाहिए। भगवान की भक्ति बैकुंठ प्राप्त करवाती है। कृष्ण का नाम हम लेंगे भगवान का नाम लेगे तो हमारा उद्धार हो जाएगा। महाराज श्री ने आगे कहाँ कि मेहंदी को पत्थर पर रगड़ने पर हमारे हाथ भी लाल हो जाते हैं।
उसी प्रकार हमारी संगति का भी प्रभाव पड़ता है। संगति से सदगुण उपजे, संगति से सब गुण जाए। संगति से मन, हमारे विचारों में हमारे आचरण में बैठ जाते है। फिर हम वैसा ही व्यवहार ओर आचरण करने लग जाते है। वैसे ही हो जाते हैं। इसलिए कभी भी संगति करना हो तो संतों की सद्गुरु की और विद्वानों की करना चाहिए। व्यासपीठ की आरती परिवारजनों एवं समाजजनों ने किया। कथा 3 जनवरी तक प्रतिदिन दोपहर 1 से सायं 5 बजे तक चलेगी। कथा की पूर्णाहुति महाआरती एवं प्रसादी वितरण के साथ होगी। चौहान परिवार ने नगर के समस्त भक्तों से अधिक सें अधिक संख्या में कथा श्रवण कर धर्मलाभ लेने की अपील की है