रामचरित्र मानस भारतीय धर्म व संस्कृति का प्रतिबिम्ब है- पं. देवराज शर्मा
- नूतन नगर उद्यान में कलश यात्रा के साथ श्री रामकथा का हुआ शुभारंभ
देवास। श्री आदर्श रामायण मण्डल महिला समिति एवं श्री हरिबोल सेवा समिति द्वारा शनिवार से संगीतमय श्री रामकथा का शुभारंभ कलश यात्रा के साथ हुआ। आयोजक धर्मेन्द्र ठाकुर संजय बोर्डिया ने बताया कि रामायण मण्डल की पूर्व सदस्य स्वर्गवासी माताओं की स्मृति में शुरू हुई रामकथा श्रीकृष्ण नगर स्थित राधाकृष्ण मंदिर से बैण्ड-बाजे से कलश यात्रा के साथ हुआ। जिसमें माता-बहनों ने बढ-चढकर हिस्सा लेकर शामिल हुई। यात्रा नगर के प्रमुख मार्गो से होते हुए कथा स्थल नूतन नगर उद्यान, गजरा गियर्स चौराहा स्टेशन रोड पहुंची। यात्रा का विभिन्न स्थानों पर पुष्प वर्षा के साथ हुआ। कथा के प्रथम दिवस कथावाचक पंडित देवराज शर्मा ने व्यासपीठ से कहा कि रामचरित्र मानस भारतीय धर्म व संस्कृति का प्रतिबिम्ब है। रामचरित मानस केवल एक ग्रंथ नही, बल्कि आर्यावृत्त की धर्म व संस्कृति को प्रकट करने वाला विशिष्ट पुराण है। रामचरित मानस की रचना कर महर्षि तुलसीदास जी ने भारतवासियो पर अंनत उपकार किया है।
यह ग्रंथ शिव व हरी विष्णु की महिमा को एकाकार करने की प्रेरणा देता है। रामचरित मानस में शिव व पार्वती की कथा एवं उसके बाद प्रभु श्रीराम की कथा दोनो ग्रंथ में समाहित है। जीवन में जब भी रामकथा सुनने का अवसर मिले उस अवसर को नहीं चुकने दे। प्रभु राम भारत की भूमि पर निवास करने वाले करोडो लोगों की आस्था व विश्वास के प्रतीक है। कथा में भजन संध्या, पार्थिव शिवलिंग निर्माण एवं पूजन व सनातन धर्म के संतों का सम्मान समारोह धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रतिदिन आयोजित होंगें। इस अवसर पर महिला मण्डल के प्रमुख आशा देवी, संजुला रघुवंशी दिलीप रघुवंशी, पार्षद प्रतिनिधी प्रवीण वर्मा अशोक रघुवंशी गुडा भाई विरेन्द्र राठौर, सुनील कुशवाह सहित बडी संख्या में कॉलोनीवासी उपस्थित थे। रामकथा का आयोजन 15 दिसम्बर तक प्रतिदिन दोपहर 1 से शाम 4 बजे तक होगा।