श्रीकृष्ण बाल लीला, माखन चोरी एवं गोवर्धन पूजा के प्रसंग सुनकर श्रद्धालु हुए भाव विभोर

 


देवास। न्यू गणेशपुरी बालगढ़ में समस्त प्राणी जगत की सुख शांति एवं सनातन धर्म का अलख जगाने के उद्देश्य से आयोजित श्रीमद् भागवत महापुराण के पंचम दिवस आचार्य देवराज शर्मा ने श्रीकृष्ण बाल लीला, माखन चोरी एवं गोवर्धन पूजा के प्रसंग का कथा में वर्णन किया। महाराज श्री ने कहा कि श्री कृष्ण ने ब्रजवासियों को मूसलाधार वर्षा से बचाने के लिए सात दिन तक गोवर्धन पर्वत को अपनी सबसे छोटी उंगली पर उठाकर रखा और गोप-गोपिकाएं उसकी छाया में सुखपूर्वक रहे। भगवान ने गोवर्धन को नीचे रखा और हर वर्ष गोवर्धन पूजा करके अन्नकूट उत्सव मनाने की आज्ञा दी। तभी से यह उत्सव अन्नकूट के नाम से मनाया जाने लगा। इसके बाद आचार्य श्री ने श्रीकृष्ण भगवान के माखन चोरी की कथा सुनाई। कथा सुनकर प्रभु भक्त भाव विभोर हो गए। भागवताचार्य ने श्रीकृष्ण की माखन चोरी की लीला का वर्णन करते हुए कहा कि जब श्रीकृष्ण भगवान पहली बार घर से बाहर निकले तो उनकी बृज से बाहर मित्र मंडली बन गई। सभी मित्र मिलकर रोजाना माखन चोरी करने जाते थे। 





                                     सब बैठकर पहले योजना बनाते की किस गोपी के घर माखन की चोरी करनी है। श्रीकृष्ण माखन लेकर बाहर आ जाते और सभी मित्रों के साथ बांटकर खाते थे। भगवान बोले जिसके यहां चोरी की हो उसके द्वार पर बैठकर माखन खाने में आनंद आता है। माखन चोरी की लीला का बखान करते हुए उन्होंने भगवान कृष्ण के बाल रूप का सुंदर प्रकार से वर्णन किया। उन्होंने बताया कि भगवान कृष्ण बचपन में नटखट थे। पूर्व पार्षद सरोज बजरंग बैरवा ने बताया कि व्यासपीठ की आरती मुख्य अतिथि उज्जैन महापौर मुकेश टटवाल, राजीव खण्डेलवाल, पूर्व प्राधिकरण अध्यक्ष राजेश यादव सहित पत्रकार साथियों ने की। कथा 21 दिसम्बर तक प्रतिदिन 2 से शाम 5 बजे तक चलेगी।

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