न्यू गणेशपुरी बालगढ़ में आयोजित भागवत कथा में उत्साह से मना शिव-पार्वती विवाह उत्सव
देवास। न्यू गणेशपुरी बालगढ़ में समस्त प्राणी जगत की सुख शांति एवं सनातन धर्म का अलख जगाने के उद्देश्य से आयोजित श्रीमद् भागवत महापुराण के तृतीय दिवस शिव-पार्वती जी का विवाह हर्षोल्लास से मनाया गया। सुमधुर भजनों की प्रस्तुति कथा के दौरान दी गई। शिव-पार्वती जी के विवाह का प्रसंग सुनाते हुए आचार्य देवराज शर्मा ने कहा कि जब शिव और पार्वती का विवाह होने वाला था, तो एक बड़ी सुंदर घटना हुई। उनकी शादी बहुत ही भव्य पैमाने पर हो रही थी। इससे पहले ऐसी शादी कभी नहीं हुई थी। शिव जो दुनिया के सबसे तेजस्वी प्राणी थे एक दूसरे प्राणी को अपने जीवन का हिस्सा बनाने वाले थे। उनकी शादी में बड़े से बड़े और छोटे से छोटे लोग शामिल हुए। सभी देवता तो वहां मौजूद थे ही, साथ ही असुर भी वहां पहुंचे। आम तौर पर जहां देवता जाते थे, वहां असुर जाने से मना कर देते थे और जहां असुर जाते थे, वहां देवता नहीं जाते थे।
शिव पशुपति हैं, मतलब सभी जीवों के देवता भी हैं, तो सारे जानवर, कीड़े-मकोड़े और सारे जीव उनकी शादी में उपस्थित हुए। यहां तक कि भूत-पिशाच और विक्षिप्त लोग भी उनके विवाह में मेहमान बन कर पहुंचे। उनकी आपस में बिल्कुल नहीं बनती थी। मगर यह तो शिव का विवाह था, इसलिए उन्होंने अपने सारे झगड़े भुलाकर एक बार एक साथ आने का मन बनाया। उन्होंने कहा कि श्रद्धा के साथ भगवान शिव की आराधना करें। भगवान भोलेनाथ के भजनों को सुनने से मन को शांति मिलती है।
पूर्व पार्षद सरोज बजरंग बैरवा ने बताया कि विवाह अवसर पर शिव और पार्वती की झांकी भी सजाई गई। विवाह के दौरान सुमधुर भजनों पर भक्तों ने जमकर नृत्य किया। व्यासपीठ की आरती मुख्य अतिथि महापौर प्रतिनिधि दुर्गेश अग्रवाल सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने की। कथा 21 दिसम्बर तक प्रतिदिन 2 से शाम 5 बजे तक चलेगी।