शादियों में भी होती है उपहारों की सीमा, ध्यान न रखेंगे तो पड़ सकता है इनकम टैक्स का छापा ....! बचने के लिये सीए विपिन पाटीदार के टिप्स होंगे लाभदायक ....
शादी एक ऐसा अवसर है, जो जीवन में खुशियां और नए रिश्ते लेकर आता है। इस अवसर पर मिलने वाले उपहार भावनात्मक और आर्थिक रूप से भी महत्वपूर्ण होते हैं। लेकिन इन उपहारों पर आयकर अधिनियम, 1961 के प्रावधान लागू हो सकते हैं। यदि आप इनसे संबंधित नियमों को समझ लें, तो यह आपको उचित कर नियोजन और अनुपालन में मदद करेगा। यदि आयकर के इन नियमों का पालन नही किया गया तो आयकर विभाग इसके संबंध में आपसे पूछताछ भी कर सकता है। ऐसी परिस्थिति में एक फाईनेंशियल एक्सपर्ट ही आपको बेहतर सलाह दे सकते हैं। आईये जानते है क्या कहते हैं सीए विपिन पाटीदार.... शादी के अवसर पर उपहारों पर आयकर छूट आयकर अधिनियम की धारा 56 (2) के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति को किसी वित्तीय वर्ष में 50,000 रुपये से अधिक मूल्य का उपहार प्राप्त होता है, तो यह कर योग्य माना जाता है। लेकिन शादी के अवसर पर उपहार इस नियम के अंतर्गत नहीं आते। इस अवसर पर वर-वधू को मिलने वाले उपहार, चाहे वह नकद, आभूषण, वाहन, संपत्ति, या अन्य किसी रूप में हों, कर से पूरी तरह मुक्त होते हैं। इस छूट पर कोई ऊपरी सीमा लागू नहीं होती। रिश्तेदारों से उपहार पर छूट शादी के अवसर...